20 जुलाई 2018 करेंट अफेयर्स हिंदी – Daily Current Affairs 20 July 2018 – SSC/Bank/RBI/UGC/PCS/CLAT - Videos

48
166

Get 50% Discount on Various Govt. Exams Pendrive Courses. Valid till 23rd July ’18. Watch Demo Videos, Know About Authors – https://goo.gl/aTFK6Q

source

48 COMMENTS

  1. Follow Dr Gaurav Garg on Facebook – https://www.facebook.com/gauravgargeducation
    Follow Prashant Dhawan on Facebook: https://www.facebook.com/prashant.dhawan.79
    Follow Dr Gaurav Garg on Instagram – https://www.instagram.com/tirelesssoul/
    Follow Dr Gaurav Garg on Twitter – https://twitter.com/GauravGarg888
    Follow Prashant Mavani on Facebook: https://www.facebook.com/PrashantTMavani/
    Follow Prashant Mavani on Twitter: https://twitter.com/PrashantMavani

  2. आरबीआई ने 100 रुपये के नए नोट का डिजाइन जारी कर दिया है। नोट का रंग लैवेंडर है तथा नोट के पीछे "रानी की वाव" यानी क‍ि बावड़ी को दर्शाया गया है। नोट के पीछे बनी रानी की वाव गुजरात के पाटन गांव में है। ये बावड़ी सरस्वती नदी के किनारे पर स्थित है. रानी की वाव का निर्माण सोलंकी साम्राज्य के समय 11वीं शताब्दी में किया गया था। रानी की वाव को 22 जून 2014 को यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल (यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट) में सम्मिलित किया गया। आइये "रानी की वाव" की खूबियों पर नजर डालते हैं:-
    1. इस वाव का निर्माण सोलंकी शासक मुलाराज के बेटे भीमदेव प्रथम (AD 1022 से 1063) की प्रेमिल स्‍मृति में उनकी विधवा पत्नी उदयामती ने बनवाया था, जिसे बाद में करणदेव प्रथम ने भी पूरा किया था। रानी उदयामती जूनागढ़ के चूड़ासमा शासक रा' खेंगार की पुत्री थीं।
    2. इस वाव का निर्माण मारू-गुर्जरा आर्किटेक्चर स्टाइल में बहुत खूबसूरत तरीके के साथ किया गया है।
    3. कहा जाता है कि इसकी सीढियों की कतारों की संख्या कभी 7 हुआ करती थी, जिसमें से 2 अब विलुप्त हो चुकी हैं।
    4. रानी की वाव में 500 से भी ज्यादा मूर्तिकलाओं का बाखूबी प्रदर्शन किया गया है। बावड़ी में बनी बहुत सी कलाकृतियां और मूर्तियां भगवान विष्णु से संबंधित हैं। यहां भगवान विष्णु के दशावतार के रूप में ही मूर्तियों का निर्माण किया गया है, इमारत की दीवारों और खंभों पर भगवान विष्णु के अवतार कल्कि, राम, कृष्णा, नरसिम्हा, वामन, वाराही और दूसरे मुख्य अवतारों को बहुत खूबसूरती के साथ नकाशा गया है। इमारत में हजार से भी ज्यादा छोटे-बड़े स्कल्पचर है।
    5. इस वाव में 30 कि.मी लंबी रहस्यमयी सुरंग भी निकलती है, जो पाटण के सिद्धपुर में जाकर खुलती है। इस खुफिया रास्ते का इस्तेमाल राजा और उसका परिवार युद्ध के वक्त कर सकता था।
    6. रानी के वाव की बनावट के बारे में बात करें तो यह 64 मीटर लंबी,20 मीटर चौड़ी और 27 मीटर गहरी है।
    7. इस वाव के बारे में यह मान्यता है कि इस पानी से नहाने पर बीमारियां नहीं होती। इसका कारण यह माना जाता है कि इसके आस-पास आयुर्वेदिक पौधे लगे हुए हैं, जो औषधि का काम करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here